JHARKHAND CIVIL SERVICES PRELIMS EXAM SYLLABUS
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा का सिलेबस
हर PCS परीक्षा की तरह JPSC की भी परीक्षा तीन चरणों में होती है –
1. प्रारंभिक परीक्षा (Objective questions)
2.मेंस परीक्षा (Descriptive questions)
3.साक्षात्कार/इंटरव्यू
प्रारम्भिक परीक्षा का सिलेबस – PRELIMS SYLLABUS OF JPSC PRELIMS
- प्रारम्भिक परीक्षा objective type की होगी.
- इस परीक्षा में दो पेपर होंगे – General Studies – 1 और General Studies – 2
- दोनों 200-200 marks के होंगे यानी हर प्रश्न का marks 2 होगा.
- दोनों पेपर में 100-100 सवाल रहेंगे.
- प्रत्येक पेपर के लिए 2 घंटे का समय दिया जायेगा.
मेंस परीक्षा का सिलेबस – MAINS SYLLABUS OF JPSC PRELIMS
- मेंस परीक्षा एक लिखित परीक्षा है.
- इसमें 6 पेपर अनिवार्य हैं.
- 6 पेपर में से 2 पेपर भाषा से सम्बंधित हैं जिनके marks क्रमशः 100 और 150 हैं.
- बाकी के 4 पेपर विषय-आधारित है. उनमें से प्रत्येक का total marks 200 है.

JPSC kurux syllabus
झारखण्ड लोक सेवा आयोग मुख्य परीक्षा, पत्र 2
कुँडुख़ भाषा-साहित्य
Full marks: 150
Time: 3 hours
खण्ड – 1
भाग – (क)
(1) कुँडुख़ भाषा का उद्भव और विकास।
(II) कुँडुख़ भाषा की विशेषताएँ
(III) कुडुख भाषा का व्याकरण- संज्ञा, सर्वनाम, वचन, पुरुष, लिंग, काल, क्रिया, विषेषण, उपसर्ग एवं प्रत्यय, कारक, अव्यय।
(IV) शब्द गठन, वाक्य संरचना एवं क्षेत्रीय रूप
(V) देवनागरी लिपि एवं तोलोंगसिकी लिपि का उद्भव विकास, विषेषताएँ।
(VI) कुँडुख भाषा की सहोदर भाषाएँ एवं संबंध
भाग (ख)
कुँडुख़ लोक साहित्य
(I) कुँडुख लोक साहित्य का सामान्य परिचय।
(II) लोक साहित्य का भेद – उपभेद ऐतिहासिक तथ्य, प्रकृति चित्रण आदि जीवन दर्शन,छंद
(IV) लोक कथा सृष्टि कथाएँ डण्डा कट्टना की कथा, गोत्र कथाएँ, भाई बहन की कथाएँ एवं जीव जगत की कथाएँ
(III) कुँडुख लोकगीत- खद्दी राजी करम, धुड़िया करम, जेठ जतरा, कार्तिक जतरा, जदुरा, असारी, सवनिया, माठा, बरोया, बेंजा आदि तथा आधुनिक कविताएँ।
(v) प्रकीर्ण साहित्य (1) लोकोक्ति, (2) मुहावरा (3) पहेली (4) बालगीत (5) मंत्र आदि।
भाग – (ग)
कुडुख शिष्ट साहित्य
(I) कुँडुख साहित्य का काल विभाजन –
(1) आदिकाल 1868-1900 (2) मध्यकाल 1901-1951 (3) आधुनिक काल -1952- अबतक
(II) कुँडुख़ पद्य साहित्य का इतिहास एवं विकास-
(1) गीत (2) कविता
(III) कुँडुख गद्य साहित्य का इतिहास एवं विकास –
कहानी, नाटक, उपन्यास, आत्मकथा, जीवनी, यात्रा वृतान्त निबंध एवं विविध कुँडुख साहित्य |
(IV) गद्य एवं पद्य से सप्रसंग व्याख्या ।
खण्ड -2
भाग (घ) कुँडुख़ साहित्यकार एवं साहित्य
(I) कुँडुख़ साहित्य के विकास पर अन्य भारतीय साहित्य का प्रभाव।
(II) कुँडुख़ साहित्य के कुछ प्रमुख कवि, लेखक, नाटककार तथा उनकी कृतियों का परिचय-
(1) दवले कुजूर(2)इग्नेस कुजूर(3) अहलाद तिर्की(4) बिहारी लकड़ा(5) पी.सी. बेक(6) डॉ. निर्मल मिंज(7) अलविनुस मिंज(8)शांति प्रकाष प्रबल बाखला(9) इंद्रजीत उरॉव(10) भिखराम भगत
भाग (ङ) कुँडुख़ निबंध
विभिन्न विषयों पर कुँडुख़ भाषा (देवनागरी लिपि) में निबंध लेखन
(I) सम सामयिक विषय (II) सांस्कृतिक विषय (III) सामाजिक विषय(IV) आर्थिक विषय (V) भौगोलिक विषय (VI) राजनैतिक विषय
भाग (च) कुँडुख़ संक्षेपण
1. किसी एक गद्यांश का संक्षेपण
भाग (छ) कुँडुख़ भाषा अनुवाद
किसी एक हिन्दी गद्यांश को कुँडुख़ में अनुवाद
भाग – (ज) कुँडुख़ अनुच्छेद
किसी एक अनुच्छेद या अवतरण पढ़ कर कुँडुख़ भाषा में तीन प्रश्नों का उत्तर देना होगा।
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