जोहार साथियो, क्या आप जानना चाहते हैं कि “विश्व आदिवासी दिवस क्या है? आदिवासी दिवस कब मनाया जाता है? 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है? तो बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रहे हैं क्योंकि आपके मन में विश्व आदिवासी दिवस (International Tribal Day In Hindi) / अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस / अंतरराष्ट्रीय मूलवासी दिवस / विश्व मूलवासी दिवस से जुड़े जिनते भी सवाल है आज मैं इस आर्टिकल मैं बताने वाला हूँ। इसलिए ध्यान से इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए.

विश्व आदिवासी दिवस या विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस क्या है?
विश्व आदिवासी दिवस( World Tribal Day), आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व के आदिवासी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। यह घटना उन उपलब्धियों और योगदानों को भी स्वीकार करती है अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है तथा उन योगदानों को स्वीकार करना है जो मूलनिवासी लोग पर्यावरण संरक्षण जैसे विश्व के मुद्दों को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। यह पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO United Nations Organisation) द्वारा दिसंबर 1994 में घोषित किया गया था। खासकर, इसे भारत के आदिवासियों द्वारा तीर, धनुष, ढोल, नगाड़ा, मांदर के साथ महिला-पुरुष अपने परंपरागत वेशभूषा में धूम धाम से मनाया जाता है, जिसमें रास्तों पर रैली निकाली और मंच में झामाझम कार्यक्रम मनाया जाता है।
विश्व आदिवासी दिवस का इतिहास
जब संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO United Nations Organisation) ने महसूस किया कि आदिवासी समुदाय (Tribal Community) उपेक्षा (Neglect), बेरोजगारी (unemployment) एवं बंधुआ बाल मजदूरी (bonded child labor) जैसी समस्याओं से ग्रसित है। तभी इस समस्याओं को सुलझाने, आदिवासियों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण (Protection) के लिए 1982 में एक कार्यदल का गठन किया गया था. इस कार्यदल का नाम UN Working Group on Indigenous Populations (UNWGIP) रखा गया था । संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त 1982 को आदिवासियों के हित में UNWGIP की पहली बैठक आयोजित की थी। 1993 में UNWGIP के ॥ वें अधिवेशन में संयुक्त राष्ट्र संघ आदिवासी समुदाय के संघर्ष की कहानियों और समस्याओं को संयुक्त राष्ट्र संघ ने महसूस किया।
इसके बाद 23 दिसंबर 1994 के संकल्प 49/214 द्वारा, संयुक्त राष्ट्र संघ ने निर्णय लिया कि विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दशक के दौरान हर साल 9 अगस्त को मनाया जाएगा। यह तारीख 1982 में मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण पर उप-आयोग की स्वदेशी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह की पहली बैठक का दिन है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने उसी समय विश्व के सभी सदस्य देशों को प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (International Tribal Day) मनाने का निर्देश दिया।
क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस?
विश्व के लगभग 90 से अधिक देशों मे आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। दुनियाभर में आदिवासी समुदाय की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ है, जिसमें लगभग 5000 अलग–अलग आदिवासी समुदाय है और इनकी लगभग 7 हजार भाषाएं हैं। इसके बावजूद आदिवासी लोगों को अपना अस्तित्व, संस्कृति और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। आज दुनियाभर में नस्लभेद, रंगभेद, उदारीकरण जैसे कई कारणों की वजह से आदिवासी समुदाय के लोग अपना अस्तित्व और सम्मान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। झारखंड की कुल आबादी का करीब 28 फीसदी आदिवासी समाज के लोग हैं। इनमें संथाल, बंजारा, बिहोर, चेरो, गोंड, हो, खोंड, लोहरा, माई पहरिया, मुंडा, ओरांव आदि बत्तीस से अधिक आदिवासी समूहों के लोग शामिल हैं। गोंड भारत का सबसे बड़ा जनजातीय समूह है। यही कारण है कि आदिवासी समाज के उत्थान और उनकी संस्कृति व सम्मान को बचाने के अलावा आदिवासी जनजाति को बढ़ावा देने व उनको प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 9 अगस्त को अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस (World Tribal Day) के तौर पर मनाया जाता है।
क्या है आदिवासी दिवस 2022 की थीम? World Tribal Day 2022 Theme
विश्व आदिवासी दिवस 2022 की थीम है “पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका“
The theme for 2022 World Tribal Day is “The Role of Indigenous Women in the Preservation and Transmission of Traditional Knowledge”
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