इस पोस्ट में हम कुॅंडुख /उराँव गोत्र और उनका अर्थ हिंदी में जानेगे | Oraon gotra| Oraon title and their meaning in Hindi

What is Oraon tribal surname| कुॅंडुख /उराँव गोत्र
गोत्र को हम कई वंशों का समूह कह सकते हैं, जो उराँव समाज के पिता पक्ष के समस्त रक्त संबंधियों से मिलकर बनता है। सामान्यतः उराँव लोग एक गोत्र के सभी सदस्य अपने को एक पुरखे (पूर्वज) की सन्तान मानते हैं। एक गोत्र के लोग आपस में भाई-बहन का रिश्ता जोड़ते हैं। इस प्रकार पूर्वजों की वास्ततिक या काल्पनिक सन्तानें सम्मिलित रहे तो उसे हम एक गोत्र कहेंगे। गोत्र, प्राकृतिक प्रदत्त जीव-जन्तुओं, पेड़-पौधों, फल-फूलों से संबंधित होते हैं। जिन जीव-जन्तुओं के नाम से उनका गोत्र लिया जाता है। ये उनके लिए पूजनीय होते हैं।
मावन शास्त्रियों ने गोत्र की परिभाषा भिन्न भिन्न दी है- एक कमेटी ने गोत्र को इस प्रकार परिभाषित किया है-“गोत्र एक जनजाति का वहिर्विवाह विभाजन है, जिसके सदस्य अपने को कुछ सामान्य बन्धनों द्वारा एक दूसरे से संबंधित समझते हैं। इस संबंध का आधार सामान्यतः एक पूर्वजों के वंशज होने का विश्वास, एक समाज टोटेम या एक समान भू भागों में निवास हो सकता है।”
जिनके सदस्य अपने को वास्तविक या काल्पनिक सामान्य पूर्वज के वंशज इस प्रकार स्पष्ट है कि गोत्र एक पक्षीय परिवारों का वह संकलन है।
गोत्र के संबंध में डण्डा कट्टना धर्म क्रिया में चर्चा है कि धरमेस (भगवान) ने मनुष्य जाति को जीवन यापन के लिये काम का बंटवारा कर दिया। उसी प्रकार मनुष्य जाति के परिवार में अपने-अपने परिवार का रिश्ता-नाता रखने के लिए भी झण्डा स्वरूप उन्हें एक-एक चिन्ह गोत्र का बंटवारा कर दिया। धर्मेस ने कहा कि जाओ जो वस्तु अपनी पसन्द का सबसे अधिक है, उसे लेकर आना। किसी को जानवर, किसी को पेड़ पौधे की डाली पसन्द आई. किसी को पक्षी पसन्द आया, किसी को रेंगने वाला जीव-जन्तु पसन्द आया। इस तरह लकड़ा, बंडों, किस्स, हनुमान, कुजूर मुंजनी, वर पेड़ की टहनी, धान का पौधा, कौआ, केरकेरट्टा, चिरमाको, गिद्ध आदि पसन्द की वस्तु हाथ में पकड़ कर आए।
धर्मेस ने कहा जिसके हाथों में जो वस्तु है वह व्यक्ति उसी गोत्र उसी समूह का होगा। वह व्यक्ति आज से उसी चिन्ह का जाना जाएगा। यह कहकर चिन्ह स्वरूप लकड़ा, बंडो, हलुमान पकड़ा दिया, कुछ लोगों को । पेड़-पौधों की टहनियाँ पकड़ाया, अन्य लोगों को पक्षी दिया। अपनी-अपनी पसन्द की वस्तु को रक्षा करना अपना धर्म है, इसका शिकार नहीं करना, नहीं मारना और न जलाना। अपने गोत्र की रक्षा करोगे तो सुख-दुख में तुम्हें भी सहायता करेगा। एक गोत्र के व्यक्ति समूह एक-एक गाँव में बसना, दूसरे समूह दूसरे गाँव में बसेंगे। जो व्यक्ति समूह एक गाँव से दूसरे गाँव में जाकर बसेगा वह उस गाँव का गौरव होगा। धर्मेस की इस तरह व्यवस्था से एक के भीतर युवक-युवती का विवाह सम्पन्न नहीं हो पाता था क्योंकि एक गाँव में गोत्र विशेष की अधिकता पायी जाती है। गोत्र विशेष पर पड़हा का निर्माण हुआ है।
List of Kurukh/Oraon gotra
गोत्रों के अर्थ भाषा के आधार पर भिन्न हो सकते हैं, उराँव गोत्रों का वर्गीकरण इस प्रकार है:-
(1) पशु गोत्र :-
- लकड़ा-बाघ
- बंड्डो-जंगली बिल्ली
- बरवा जंगली कुत्ता
- चिगालो (सिकटा) – गीदड़
- रुण्डा लोमड़ी
- गाड़ी-मामूली बन्दर ।
- तिग्गा-बन्दर और हलुमान दोनों।
- खोया-जंगली कुत्ता।
- ओसगा-खेत का मूसा।
- तिर्की – छोटा चूहा।
- चिड़रा-गिलहारी।
(2) पक्षी गोत्र :-
- गिधि- गीद्ध।
- ख़ाखा- कौआ।
- केरकेट्टा-एक प्रकार का पक्षी।
- टोप्पो- तितर पक्षी।
- चिरमाको- एक प्रकार का पक्षी।
- ओरगोड़ा-बाज पक्षी।
- बकुला-बगुला।
- गेड़े-बत्तख ।
(3) मच्छली अथवा जलचर गोत्र :-
- एक्का (कच्छप)-कछुवा ।
- खलखो- एक मच्छली विशेष ।
- लिण्डा-एक प्रकार की लम्बी जोक्टी (केंचुआ) |
- मिंज-एक मच्छली विशेष ।
- आइन्द-एक लम्बी मच्छली ।
- तिड़ू-एक प्रकार की मच्छली।
- किण्डो-एक प्रकार की मच्छली।
(4) रेंगने वालों में :-
- ख़ेत्ता-नाग सांप।
(5) वनस्पति :-
- बख़ला-एक प्रकार की नशीला पौधा।
- बाड़ा (बरला) – बरगद ।
- ख़ेस्स -धान।
- कीन्दो या किण्डो-खजूर ।
- कुजूर-एक फल एवं लता।
- मुंजनी एक लाता।
- पुतरी-एक गाछ।
- कैथी-तरकारी का पौधा ।
- कंदा-सकर कंदा ।
- कुंदरी-तरकारी लतर वाला पौधा ।
- केओंद-एक फलदार वृक्ष ।
(6) स्थान गोत्र :-
- बांध-बांध । जुब्बी-दलदल भूमि ।
- (खंडित) गोत्र :- अमड़ी-चावल शोखा।
- किस्पोट्टा-सूअर की अंतड़ी।
(7) धातु गोत्र :-
- पन्ना- लोहा।
- बेक-नमक।
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Relation name in Kurukh (रिश्तों के नाम कुॅंडुख में)
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